गोवा Goa में 20 मिनट तक बजा सुनामी अलर्ट का सायरन:पहले लोग घबराए, फिर मॉक ड्रिल लगा; प्रशासन ने कहा- गलती से बजा, जांच कराएंगे

पोरवोरिम में लाउडस्पीकर पर सुनामी अलर्ट की आवाज आ रही थी और लाल बत्ती चमक रही थी। (फाइल फोटो) - Dainik Bhaskar

पोरवोरिम में लाउडस्पीकर पर सुनामी अलर्ट की आवाज आ रही थी और लाल बत्ती चमक रही थी। (फाइल फोटो)

गोवा Goa के पोरवोरिम में 6 सितंबर यानी बुधवार रात नौ बजे सुनामी तुफान की वॉर्निंग देने वाला सायरन गलती से बजने लगा। सायरन 20 मिनट से ज्यादा समय तक बजता रहा। सायरन सुनते ही लोगों में दहशत फैल गई।

पहले लोग घरों से बाहर आ गए। जानकारी लेने के लिए अफसरों और जानकारों को फोन लगाने लगे। कहीं खतरे की पुष्टि नहीं हुई तो उन्हें लगा कि मॉकड्रिल है, फिर राहत की सांस ली।

इधर, वॉटर रिसोर्स डिपार्टमेंट (WRD) के मिनिस्टर सुभाष शिरोडकर ने सायरन बजने के पीछे की तकनीकी गलती या कारणों की जांच की रिपोर्ट मांगी है।

अर्ली वॉर्निंग डिस्सेमिनेशन सिस्टम से बजा था सायरन
एक अधिकारी ने गुरुवार को इस बात की जानकारी दी कि सायरन अर्ली वॉर्निंग डिस्सेमिनेशन सिस्टम (EWDS) की वजह से बजने लगा था। EWDS पणजी के बाहरी एरिया के नॉर्थ गोवा में है। यह पोरवोरिम में एक पहाड़ी पर बना है।

मौसम विभाग ने कोई जानकारी नहीं दी थीनॉर्थ गोवा के कलेक्टर मामु हाज ने बताया कि सुनामी का वॉर्निंग गलत थी। अधिकारियों ने जांच की है और कही पर भी सुनामी की स्थिति नहीं पाई गई है। आसपास कोई मॉक ड्रिल नहीं था। मौसम विभाग या नेशनल सेंटर फॉर ओशिन इंफोरमेशन सर्विसेस (INCOIS) ने भी इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी थी।

WRD को सायरन बजने की जांच करने को कहा गया है।

सायरन को मॉक ड्रिल समझे लोकल लोग
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स्थानीय व्यक्ति अविनाश आर ने बताया कि सायरन बजने से वे लोग ड़रे हुए थे। रात को खाना खाने के बाद जब वे टहल रहे थे, तब उन्होंने सायरन सुना। पहले तो वे लोग घबरा गए थे। बाद में उन्हें लगा कि सायरन की आवाज एक मॉक ड्रिल भी हो सकती है।

2004 में सुनामी में गई थी 12 हजार 405 भारतीयों की जान

26 दिसंबर 2004 को हिंद महासागर में आए भूकंप और उससे आई सुनामी से 2 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी।

26 दिसंबर 2004 को हिंद महासागर में आए भूकंप और उससे आई सुनामी से 2 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी।

26 दिसंबर 2004 को इंडोनेशिया में 9.1 रिक्टर का भूकंप आया था, इसके बाद समुद्र के भीतर सुनामी की लहरें उठी थीं। इन लहरों ने भारत समेत 14 देशों में भारी तबाही मचाई थी। 2 लाख 25 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी, इनमें भारत के 12 हजार 405 लोगों की मौत हुई थीं, जबकि 3874 लोग लापता हो गए थे। इस तबाही में 12 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था। ऊंची-ऊंची लहरों के कारण पुल, इमारतें, गाड़ि‍यां, जानवर, पेड़ और इंसान तिनकों की तरह बहते हुए नजर आए थे।

सबसे ज्यादा मौतें तमिलनाडु में हुई थीं​​​​​​​
तमिलनाडु में सुनामी से 8 हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे। वहीं, अंडमान-निकोबार में 3 हजार 515 मौते हुईं। इसके अलावा पुड्डुचेरी में 599, केरल में 177 और आंध्र प्रदेश में 107 मौतें हुईं थीं। इंडोनेशिया में सबसे ज्यादा 1.28 लाख लोग मरे और 37 हजार से ज्यादा लापता हो गए थे।

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